ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो नः प्रचोदयात् ||
अन्नमयकोश _ ध्यानात्मक प्रयोग कक्षा _ 16/02/2019 _ प्रज्ञाकुंज सासाराम_ पंचकोशी साधना प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह (बाबूजी) एवं आल ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स | वीडियो अवश्य रेफर करें
- सर्वप्रथम बाबूजी और आल ग्लोबल पार्टिसिपेंट्स के द्वारा पुलवामा मे शहीद हुए वीर सैन्य प्रहरियों को श्रद्धांजलि एवं शांति के लिए मंत्र आहुति यज्ञ और मौन। बाबूजी:-
- वैदिक हिंसा, हिंसा न भवति।
- संघर्ष अध्यात्म की रीढ़ है। संघर्ष ही जीवन है।
- सज्जनता कायरता ना बनें इसलिए पराक्रम आवश्यक। सौजन्य और पराक्रम का समन्वय।
- सजगता (Alertness) साधना का अनिवार्य अंग।
- उपवास शरीर के शोधन हेतु। अतिशय कर कमजोर ना बनें।
अन्नमयकोश की साधना शरीर के मजबूत हेतु, प्राणमय कोश प्राण की प्रखरता हेतु, मनोमय कोश आइ क्यू लेवल बढ़ाने हेतु, विज्ञानमय कोश की ई क्यू लेवल बढ़ाने हेतु तो आनंदमय कोश श्रद्धा संवर्द्धनाय।
पदार्थ चेतना आत्म चेतना के नियंत्रण में कार्य करे एवं आत्म चेतना उस महती चेतना से जुड़े रहे।
बाबूजी ने गायत्री महामंत्र के 24 अक्षर की शरीर में स्थति, ऊर्जा प्रभाव केन्द्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है।
पांचो कोश की साधना।
- अन्नमय कोश – जिम्मेदार,
- प्राणमयकोश – बहादुर,
- मनोमय कोश – समझदार,
- विज्ञानमय कोश – ईमानदार और
- आनंदमय कोश – हर हाल मस्त।
एक सैनिक की भावना प्रशिक्षण ही हमारा सबसे बड़ा वेलफेयर है और सर्वस्व बलिदान ही हमारा लक्ष्य है।
मन समर्पित, तन समर्पित और यह जीवन समर्पित। चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं |
|ॐ शांति शांति शांति |
संकलक – विष्णु आनन्द जी
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